एक छोटे से गांव में, एक भारतीय पति नाम सुरेश और पत्नी नाम सविता रहते थे। सविता अपने आदर्श परिवार के साथ एक सुखी जीवन बिताने में ख़ुश थीं, और सुरेश भी उसके साथी के रूप में उसके साथ बहुत ख़ुश थे। दोनों एक-दूसरे के साथी और सहयोगी थे, जो उन्हें दिनचर्या के सभी संघर्षों से उबारते।
सुरेश के मन में एक गुप्त इच्छा थी - वह एक बार अपनी पत्नी सविता के रूप में दिखना चाहता था। वह जानता था कि भारतीय समाज में इस तरह की चीज़ों को समझने और स्वीकार करने के लिए समय लग सकता है, लेकिन उसके मन में इसे पुरा करने की ताक़त थी।
एक दिन, सुरेश ने अपनी इच्छा को सविता के साथ साझा किया। सविता थोड़ी देर तक चिंतित और चोंक गईं, लेकिन फिर उसने अपने पति के साथ उसका समर्थन किया। वह समझती थी कि सुरेश के मन में यह इच्छा सिर्फ अंदर तक बुराई नहीं बल्कि यह उसके दिल की गहराई से जुड़ी थी।
सुरेश ने आखिरकार विवेकपूर्वक तैयारी के साथ एक रात में सविता के रूप में दिखने का निर्णय किया। उसने विशेष कपड़ों का चयन किया, अपने व्यक्तिगत तरीके से सजा, और मेकअप भी किया।
जब सविता ने सुरेश को उस रूप में देखा, तो उसके होश उड़ गए। उसके पति को उस रूप में देखकर उसके लिए कुछ अजीब था, लेकिन उसका प्रेम उसे अनिवार्य बनाता था।
सुरेश और सविता की इस विशेष रात के दौरान, वे दोनों अपने संघर्षों, उत्साहों और सपनों को साझा करते हुए एक-दूसरे के साथ अपने भावनात्मक संबंधों की गहराई में आ गए। वे दोनों को यह एहसास हुआ कि एक दूसरे को समझना और स्वीकार करना जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
यह इस कहानी का आयाम नहीं था कि क्रॉसड्रेसिंग की एक साधारण कहानी हो, बल्कि यह था एक विवाहित जोड़े के संबंधों की ख़ूबसूरत और भावनात्मक रूपरेखा। उन्होंने दिखाया कि प्रेम, समर्थन, और समझदारी के माध्यम से हम अपने असली आत्मा को समझ सकते हैं, और खुद को स्वीकार करते हुए सच्चे सुख को प्राप्त कर सकते हैं।